पानीपत, रेवाड़ी के बाद अब हिसार के निजी अस्पताल में पांच मरीजों की मौत, परिजनों ने किया हंगामा भारी पुलिस बल तैनात, परिजन लगा रहे है लापरवाही का आरोप
कोविड-19 महामारी के चलते हरियाणा के हिसार के एक निजी अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई है. निजी अस्पताल में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी के चलते 5 पॉजिटिव मरीजों की दर्दनाक मौत हो गई. मरीजों की मौत की सूचना उनके परिजनों को पता चली तो उन्होंने अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया. मृतक के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था.तनाव को देखते भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती कर दी गई है .विलाप कर रहे परिजनों ने अस्पताल में बने कोविड सेंटर को तुरंत प्रभाव से बंद करने की मांग की ताकि जो दर्द आज वे अपनों का झेल रहे हैं वह दर्द किसी और को न झेलना पड़े.उधर संबंधित अस्पताल प्रशासन की तरफ से कोई भी लअपना पक्ष रखने को उपलब्ध नहीं था.
जानकारी के अनुसार जाट कॉलेज के पीछे स्थित सोनी बर्न हॉस्पिटल में कोविड सेंटर बनाया गया है.कोविड सेंटर में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा था. मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो गई और और वहां भर्ती मरीजों की मौत हो गई. परिजनों का आरोप था कि अस्पताल में जब ऑक्सीजन खत्म हो रही थी तो अस्पताल प्रशासन ने खुद ऑक्सीजन व्यवस्था करने की बजाय उन्हें ही ऑक्सीजन लाने के लिए फरमान सुना दिया.एक परिजन तो खुद ऑटो करके अपने मरीज के लिए ऑक्सीजन लेकर आया.परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में उनके साथ नाजायज वसूली की गई. उनका कहना था कि हम तो अपने मरीज की स्वास्थ्य के लिए पैसे दे सकते हैं, स्वास्थ्य सुविधाएं तो अस्पताल प्रशासन को मुहैया करवानी थी अस्पताल प्रशासन ने उन्हें अंधेरे में रखा
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर भी सवाल उठाया कि जब अस्पताल के पास पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधा ही उपलब्ध नहीं है तो उसे कोविड सेंटर क्यों बनाने की अनुमति दी गई.कुछ परिजनों का तो यह तक आरोप था कि उनके मरीज को कोरोना पॉजिटिव होने तक की रिपोर्ट तक नहीं दिखाई गईं.उन्हें कोविड-19 इलाज के नाम पर लगातार लूटा जा रहा है.उन्होंने सरकार से सोनी हॉस्पिटल के कोविड सेंटर को बंद तथा अस्पताल प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई.इससे पहले शुक्रवार को पानीपत में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर नहीं मिलने से कोरोना संक्रमित पांच लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों के परिजनों का आरोप था कि अगर समय पर ऑक्सीजन और वेंटिलेटर मिल जाते तो उनकी जान बच सकती थी। मृतकों में चार मरीज दिल्ली के थे, जिन्हें वहां बेड नहीं मिलने पर पानीपत लाया गया था। इनमें से एक मरीज की मौत एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलिंडर खत्म होने से हो गई जबकि एक के परिजनों का आरोप है कि सिविल अस्पताल में लीक होने से मरीज को सही से ऑक्सीजन नहीं मिल सकी।
वहीं रविवार को रेवाड़ी के विराट अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने से उपचाराधीन चार कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई थी। गुस्साए तीमारदारों ने प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया तथा करीब एक घंटे तक शहर के सरकुलर रोड को जाम कर दिया था। हालांकि सीएमओ ने मरीजों की मौत का कारण ऑक्सीजन की कमी होने से इनकार किया था। जबकि मरने वालों में तीन संक्रमित वेंटीलेटर पर थे तथा एक कोरोना वार्ड में भर्ती था। उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद अस्पताल में 55 ऑक्सीजन के सिलिंडर भिजवाए गए।
सीएम ने कहा था, प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी नहीं
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