संयुक्त किसान मोर्चा ने स्पष्ट किया है कि जिन 5 राज्यों में चुनावी प्रक्रिया चल रही है वहां मोर्चा की ओर से प्रस्तावित 26 मार्च का भारत बंद नहीं किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से डा. दर्शनपाल व कविता करूंगुटी ने बताया कि वह नहीं चाहते हैं कि किसानों की वजह से चुनावी प्रक्रिया में किसी तरह की बाधा उत्पन्न हो इसलिए यह निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त संयुक्त मोर्चा ने निजीकरण व कार्पोरेट एजैंडे के खिलाफ प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है जिसमें 3 कृषि कानूनों व एम.एस.पी. के साथ बढ़ती पैट्रोल, डीजल व रसोई गैस की कीमतों का मुद्दा भी उठाया गया है। इस बीच मोर्चा ने 17 मार्च को भारत बंद को लेकर विभिन्न ट्रेड यूनियनों व संगठनों की बैठक बुलाई है। कुंडली बार्डर पर होने वाली इस बैठक में भारत बंद की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इनमें संगठित, असंगठित क्षेत्र की ट्रेड यूनियन, ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन, रिटेलर्स और हॉकर्स एसोसिएशन, रेलवे और सड़क परिवहन सेवा कर्मचारी संघ तथा जन प्रगतिशील संगठनों को न्यौता भेजा गया है। किसान नेताओं ने कहा कि बैठक में भारत बंद मेन एजैंडा रहेगा। मोर्चा का प्रयास है कि यह बंद देशव्यापी रहे और सभी संगठन इसमें एक मंच पर आकर तीनों कानूनों के साथ-साथ दूसरे मुद्दों पर भी सहमत हों।
संयुक्त किसान मोर्चा ने स्पष्ट किया है कि जिन 5 राज्यों में चुनावी प्रक्रिया चल रही है वहां मोर्चा की ओर से प्रस्तावित 26 मार्च का भारत बंद नहीं किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से डा. दर्शनपाल व कविता करूंगुटी ने बताया कि वह नहीं चाहते हैं कि किसानों की वजह से चुनावी प्रक्रिया में किसी तरह की बाधा उत्पन्न हो इसलिए यह निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त संयुक्त मोर्चा ने निजीकरण व कार्पोरेट एजैंडे के खिलाफ प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है जिसमें 3 कृषि कानूनों व एम.एस.पी. के साथ बढ़ती पैट्रोल, डीजल व रसोई गैस की कीमतों का मुद्दा भी उठाया गया है।
इस बीच मोर्चा ने 17 मार्च को भारत बंद को लेकर विभिन्न ट्रेड यूनियनों व संगठनों की बैठक बुलाई है। कुंडली बार्डर पर होने वाली इस बैठक में भारत बंद की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इनमें संगठित, असंगठित क्षेत्र की ट्रेड यूनियन, ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन, रिटेलर्स और हॉकर्स एसोसिएशन, रेलवे और सड़क परिवहन सेवा कर्मचारी संघ तथा जन प्रगतिशील संगठनों को न्यौता भेजा गया है। किसान नेताओं ने कहा कि बैठक में भारत बंद मेन एजैंडा रहेगा। मोर्चा का प्रयास है कि यह बंद देशव्यापी रहे और सभी संगठन इसमें एक मंच पर आकर तीनों कानूनों के साथ-साथ दूसरे मुद्दों पर भी सहमत हों।
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