राज्यपाल को ज्ञापन देने चंडीगढ़ पहुचे किसान, बैरिकेड्स तोड़े, पुलिस ने किया वाटर कैनन का इस्तेमाल
Kisan Andolan Chandigarh : पंजाब के किसानों ने राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर के आधिकारिक आवास से 2 किमी दूर मध्य मार्ग पर रोके जाने से पहले शनिवार दोपहर को पंजाब राजभवन के रास्ते में केंद्र शासित प्रदेश में मार्च करने के लिए मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए।
हरियाणा के किसानों का एक अन्य समूह लगभग उसी समय पंचकुला-यमुनानगर राजमार्ग से राज्य की राजधानी चंडीगढ़ के लिए जा रहा था, लेकिन उसे चंडीगढ़ सीमा पर भी रोक दिया गया।
हालांकि, कृषि आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बुलाए गए विरोध मार्च के मद्देनजर पुलिस ने कुछ मार्गों से बचने के लिए एक सलाह(advisory) भी जारी की थी, लेकिन शहर में यातायात ठप हो गया।
किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने किया वाटर कैनन का इस्तेमाल
इससे पहले, चंडीगढ़ पुलिस ने सुबह 10 बजे से शहर में 13 प्रवेश बिंदुओं को बंद कर दिया था, लेकिन किसान बिना किसी प्रतिरोध के आगे बढ़े। एक बिंदु पर, पुलिस ने सेक्टर -43 इंटर-स्टेट बस टर्मिनस के पास वाटर कैनन का सहारा लिया, लेकिन किसान ट्रैक्टरों की मदद से शहर में प्रवेश करने में सफल रहे।
कुछ किसानों को चंडीगढ़ के प्रेस लाइट प्वाइंट पर जबरन रोका गया। मौके पर एसएसपी कुलदीप सिंह चाहल और डीसी मंदीप सिंह बराड़ भी पहुंचे। यहां डीसी बराड़ ने किसानों से ज्ञापन लिया है और उन्हें आश्वासन दिया कि वह इसे प्रशासक वीपी सिंह बदनौर तक पहुंचाएंगे। डीसी मंदीप सिंह बराड़ ने की अपील पर किसान वापस लौट गए।
दोपहर 2 बजे तक मोहाली से आ रहे किसान शहर के बीचों-बीच सेक्टर 17 व 22 में पहुंच गए। दोनों राज्यपाल शहर के उत्तरी छोर पर सुखना झील के पास रहते हैं। उन्हें इलाके में पहुंचने से रोकने के लिए इलाके में बैरिकेडिंग कर दी गई थी।
पंजाब राजभवन से दो किलोमीटर दूर मध्य मार्ग पर पुलिस ने किसानों को रोका गया। राज्यपाल कार्यालय के एक अधिकारी ने किसानों से ज्ञापन लिया, जिसके बाद कई अपने आप वापस चले गए और कुछ को चंडीगढ़ सीमा तक बसों द्वारा उतार दिया गया।
पंचकूला में किसानों ने बैरिकेड्स उखाड़े
हरियाणा के पंचकूला में किसानों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई. चंडीगढ़ में हरियाणा के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के लिए हजारों किसान पंचकूला से निकले थे. रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेड्स लगा रखे थे. गुस्साए किसानों ने बैरिकेड्स उखाड़ फेंके और आगे बढ़ गए. सिर्फ बैरिकेडिंग ही नहीं, किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने सीमेंट की बीम भी लगाई थी.हरियाणा से योगेंद्र यादव, चढूनी ने किया मार्च का नेतृत्व
हरियाणा से आने वाले दल ने चंडीगढ़ में प्रवेश नहीं किया और सत्यदेव नारायण आर्य को संबोधित ज्ञापन पंचकूला में हरियाणा के राज्यपाल सचिवालय के एक अधिकारी को सौंपा। इस समूह का नेतृत्व कार्यकर्ता योगेंद्र यादव और हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी कर रहे थे।
पुलिस ने बताया कि किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
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