हरियाणा में 1 अप्रैल से शुरू होगी गेहूं की खरीद, प्रशासन द्वारा जोरों शोरों से की जा रही तैयारियां
हरियाणा में रबी की फसलें पककर तैयार हो चुकी है। कुछ इलाकों में तो गेहूं की कटाई शुरू हो भी हो चुकी है। प्रदेश सरकार ने गेहूं की सरकारी खरीद 1 अप्रैल व बाकी फसलों की खरीद 10 अप्रैल से करने का फैसला किया है। सरकार इस बार फसल खरीद व उसके भुगतान को लेकर काफी गंभीर नजर आ रही है। सरकार ने फसल खरीद को लेकर बड़े दावे किए हैं कि किसानों को मंडी में अपनी फसल बेचने में कोई भी दिक्कत नहीं आएगी। इसके अलावा किसानों को जे-फार्म कटने के 48 घंटों के भीतर फसल का भुगतान कर दिया जाएगा। ट्रांसपोर्टर द्वारा 48 घण्टे में फसल उठान ना करने पर जुर्माना लगाने का भी ऐलान हरियाणा सरकार द्वारा किया गया है।
जिला अंबाला में 14 अनाज मंडिया है, जिनमें से अंबाला शहर की मंडी में अनाज की आवक सबसे ज्यादा है। 1 अप्रैल में मात्र 1 दिन बचे होने के चलते मार्केट कमेटी अनाज मंडियों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में लगा हुआ है। मार्केट कमेटी की सेक्रेटरी ने बताया फसल आने से पहले मंडी की सभी व्यवस्थाओं को ठीक कर लिया गया है। साफ सफाई की जा रही है पानी की टंकियों को साफ करवा दिया गया है। किसानों को गेट पास कटवाने में कोई समस्या नहीं आए इसके लिए दोनों गेट पर एक्स्ट्रा कंप्यूटर की व्यवस्था करवा दी गई है। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल से किसानों को मेसेज के द्वारा बताया जाएगा कि किसानों को कितनी फसल कब लेकर आनी होगी। किसान पोर्टल पर जाकर फसल बेचने की तारीख भी बदल सकता है।
वहीं सरकार द्वारा फसल बेचने में किए गए बदलावों को लेकर आढ़ती काफी नाराज नजर आ रहे हैं। आढ़तियों का कहना है कि मैसेज सिस्टम से किसानों और आढ़तियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। सरकार द्वारा फसल पर लगाई लगी वजन संबंधी कैपिंग को लेकर किसान काफी नाराज नजर आ रहे हैं। किसानों का कहना है सरकार द्वारा तय की गई तारीख पर फसल लेकर आना संभव नहीं है, क्योंकि किसानों को फसल कटाई के लिए कंबाइन मशीन और बाकी कृषि यंत्रों की भी व्यवस्था भी करनी होती है। सरकार के 48 घंटों में फसल भुगतान पर भी किसानों को भरोसा नहीं है। उनका कहना है पिछली साल भी सरकार ने ऐसा ही कुछ दावा किया था जो जुमला साबित हुआ था।
सरकार द्वारा पिछले साल कुछ मंडियों में अटल किसान मजदूर कैंटीन शुरू की गई थी। सरकार द्वारा इस बजट सत्र में भी बाकी बची मंडियों में जल्द कैंटीन शुरू करने की बात रखी गयी थी। अंबाला की अनाज मंडी में पिछले साल 20 अक्टूबर को अटल किसान मजदूर कैंटीन की शुरुआत की गई थी। कैंटीन की कर्मचारी ने बताया कि यहां पर 10 रु में शुद्ध और साफ खाना उपलब्ध करवाया जाता है। खाना खाने के लिए आने वाले लोगों के बैठने के लिए हॉल में बेंच की व्यवस्था की गई है। इसके इलावा हाल में पंखे, सीसीटीवी कैमरे व टेलीविजन की भी व्यवस्था की गई है।
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