सरस्वती संगीत महाविद्यालय में अब गुरमत संगीत विषय भी सम्मिलित
Now Gurmat Sangeet subject is also included in Saraswati Sangeet |
Gurmat sangeet subject: नगर के मुल्तानी चौक स्थित सरस्वती संगीत महाविद्यालय में अब गुरमत संगीत विषय भी सम्मिलित किया गया है। गुरमत संगीत दो शब्दों के मेल से बना है गुरु + मत। इसका मतलब गुरु द्वारा दी गई मत या सिद्धांत। जिसको संगीत के रूप में गाना। गुरमत संगीत की उत्पत्ति गुरु नानक देव जी ने की।इसको आमतौर पर "कीर्तन" या "शब्द कीर्तन" भी कहा जाता है। गुरमत संगीत का मूल स्रोत श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब पर निर्धारित राग , ताल आदि के बारे में गुरमत संगीत में बताया गया है। प्राचीन कला केंद्र ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित केंद्र प्रभारियों द्वारा अपेक्षित मांग को देखते हुए वार्षिक सत्र 2019 - 20 से गुरमत संगीत ( श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी पर आधारित शब्द कीर्तन) का विषय आरंभ किया गया हैं। गुरमत संगीत के पाठ्यक्रम को अन्य विषयों / पाठ्यक्रमों की तरह स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर तक 7 वर्षीय डिप्लोमा तक प्रस्तुत किया गया है। गुरमत संगीत का पाठ्यक्रम अलग है, जो विभिन्न विश्वविद्यालयों के द्वारा करवाए जा रहे कोर्स के बराबर है। यह डिप्लोमा दुनिया भर में स्वीकार किया जाना है , क्योंकि प्राचीन कला केंद्र के डिप्लोमा विभिन्न राज्य सरकारों / बोर्डों और विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त है। गुरमत संगीत विषय की परीक्षा गुरमत संगीत विभाग की देखरेख में प्राचीन कला केंद्र द्वारा आयोजित की जाती है। इस विषय के लिए एक अलग विभाग का गठन प्राचीन कला केंद्र द्वारा किया गया है। प्राचार्या अविनाश कौर ने बताया की इस विशेष विषय के प्रशिक्षण और परीक्षा के संचालन के लिए कुछ विशेष और अनिवार्य दिशा-निर्देश/ नियम तैयार किए गए है।
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