haryana update instagram haryana update youtube haryana update facebook haryana update whatsapp haryana update x haryana update telegram गुरुग्राम में कल रात किसी भी अस्पताल में न तो बेड बचा था, न ही आईसीयू और वेंटिलेटर खाली थे, प्रशासन के सभी दावे हो रहे खोखले साबित - Haryana Update | Today Haryana News In Hindi

गुरुग्राम में कल रात किसी भी अस्पताल में न तो बेड बचा था, न ही आईसीयू और वेंटिलेटर खाली थे, प्रशासन के सभी दावे हो रहे खोखले साबित


कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन की तैयारियां धरी की धरी रह गई हैं। जिला प्रशासन के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शुक्रवार को जिले के किसी भी निजी व सरकारी अस्पताल में कोविड बेड नहीं थे और जो मरीज अस्पताल में एडमिट थे वे ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे थे।

कोविड पेशेंट के लिए किसी भी अस्पताल में न तो आईसीयू है और न ही वेंटिलेटर बेड खाली हैं। रेमडेसिवर इंजेक्शन के लिए भी अस्पतालों ने हाथ खड़े कर दिए। मरीजों के परिजन दिन भर भटकते रहे, आखिर में मायूसी ही हाथ लगी। यह हाल देश व दुनिया के मानचित्र पर अपनी पहचान बनाने वाले जिले गुरुग्राम का है।

यहां स्वास्थ्य विभाग के पास आइसीयू व वेंटिलेंटर बेड के नाम पर कुछ नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से रेमडेसिविर की दवाई की कालाबाजारी हो रही है। सीएमओ डा. बीरेन्द्र यादव कहते हैं कि सरकार ने ड्रग विभाग को अलग कर दिया है और इस बारे में अमनदीप चौहान ही बता सकेंगे।

सेक्टर-9 स्थित ईएसआई अस्पताल को पूरी तरह कोविड अस्पताल के रूप में बनाया गया है। लेकिन वहां पर केवल ऑक्सीजन बेड पर ही मरीजों को एडमिट किया जा रहा है। जबकि वहां पर चार वेंटीलेटर खराब पड़े हैं। इससे पहले सीएमओ समेत अधिकारियों ने दौरा किया लेकिन वेंटीलेटर को ठीक करवाने की कोई कार्रवाई आज तक नहीं की गई है।

महामारी चरम पर पहुंची तो तैयार हुए 30 बेड|महामारी पूरे चरम पर है लेकिन जब 300 लोगों की जिला में कोविड से मौत हो गई तब जाकर सेक्टर-10 जिला नागरिक अस्पताल में 30 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया है।

यहां पर अधिकारियों की तरफ से दावा किया गया है कि सभी बेड पर आक्सीजन की सुविधा है। लेकिन गुरुवार की रात को ही सभी बेड फुल हो गए। प्रधान चिकित्सा अधिकारी डा. दीपा जाखड़ का कहना है कि यहां पर चार बेड वेंटिलेटर बेड तैयार किए गए हैं।

इमरजेंसी व गायनी के अलावा सभी ओपीडी बंद| कोरोना के कहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सेक्टर दस जिला नागरिक अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं और गायनी व फिजिशियन डाक्टर की ओपीडी को छोड़कर अन्य सभी ओपीडी बंद कर दी गई हैं। अस्पताल में कोरोना संबंधित जांच सैंपल लेने और कोरोनारोधी टीकाकरण अभियान चलता रहेगा।

पीडब्ल्यूडी रेस्टहाऊस को कोविड अस्पताल बनाने की मांग| महामारी को दस्तक दिए करीब 13 महीने हो चुके हैं, लेकिन इन 13 महीनों में जिले में एक अस्पताल की व्यवस्था नहीं हो पाई। प्रदेश सरकार ने बजट में कई बार 500 बेड के अस्पताल की घोषणाएं की हैं, लेकिन पिछले छह साल में सरकार एक अस्पताल भी नहीं बना पाई। जबकि मंत्रियों और अधिकारियों केके लिए जिला में 100 कमरों का महल जैसा पीडब्ल्यूडी रेस्टहाऊस 3 तीन साल में ही बनाकर तैयार कर लिया। मगर, जिला का नागरिक अस्पताल बनाने की आजतक शुरूआत नहीं हुई है। स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए 100 कमरों के पीडब्ल्यूडी रेस्टहाऊस को कोविड अस्पताल के रूप में विकसित करने की मांग उठ रही है।

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